Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
किया उपद्रव more info तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
शिव आरती
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वेद Shiv chaisa नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥